मधुमेह एक खतरनाक रोग है। यह बीमारी में हमारे शरीर में अग्नाशय द्वारा इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण होती है।रक्त ग्लूकोज स्तर बढ़ जाता है, साथ ही इन मरीजों में रक्त कोलेस्ट्रॉल, वसा के अवयव भी असामान्य हो जाते हैं। धमनियों में बदलाव होते हैं। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है!



मधुमेह होने पर शरीर में भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने की सामान्य प्रक्रिया तथा होने वाले अन्य परिवर्तनों का विवरण इस प्रकार से है। किया गया भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईंधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं। यह एक प्रकार की शर्करा होती है। ग्लूकोज रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखों कोशिकाओं में पहुंचता है। अग्नाशय वह अंग है जो रसायन उत्पन्न करता है और इस रसायन को इंसुलिन कहते हैं। इनसुलिन भी रक्तधारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है। ग्लूकोज से मिलकर ही यह कोशिकाओं तक जा सकता है। शरीर को ऊर्जा देने के लिए कोशिकाएं ग्लूकोज को उपापचित करती है। ये प्रक्रिया सामान्य शरीर में होती हैं।

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मधुमेह होने पर शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। पेट फिर भी भोजन को ग्लूकोज में बदलता रहता है। ग्लूकोज रक्त धारा में जाता है। किन्तु अधिकांश ग्लूकोज कोशिकाओं में नही जा पाते
जिसके कारण इस प्रकार हैं:

इंसुलिन की मात्रा कम हो सकती है।
इंसुलिन की मात्रा अपर्याप्त हो सकती है किन्तु इससे रिसेप्टरों को खोला नहीं जा सकता है।
पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है।
अधिकांश ग्लूकोज रक्तधारा में ही बना रहता है। यही हायपर ग्लाईसीमिया (उच्च रक्त ग्लूकोज या उच्च रक्त शर्करा) कहलाती है। कोशिकाओं में पर्याप्त ग्लूकोज न होने के कारण कोशिकाएं उतनी ऊर्जा नहीं बना पाती जिससे शरीर सुचारू रूप से चल सके।